स्वच्छ दूध उत्पादन




स्वच्छ दूध उत्पादन 

स्वच्छ दूध उत्पादन डेयरी उद्योग का एक महत्वपूर्ण पहलू है। खाद्य पदार्थ में दुग्ध को सर्वोत्तम संतुलित खाद्य पदार्थ माना गया है क्योकि इसमें शरीर के लिए आवश्यक विभिन्न पोषकतत्व शरीर की आवश्यकता के अनुरूप एक निश्चित मात्रा में मौजूद होते है। चुकी दुग्ध जीवाणु की वृद्धि के लिए एक अच्छा माद्यम है, अत: अशुद्ध दूध मनुष्यो में अनेक रोगो का कारक है। जीवाणुओं से युक्त दूध और उसके उत्पादकों के सेवन से मनुष्य में कई सारी बीमारिया हो सकती है। इसीलिए जन स्वास्थ्य पर अशुद्ध दुग्ध के दुष्प्रभाव को देखते हुए स्वच्छ दूध उत्पादन की महत्ता और भी बढ़ जाती है। 

स्वच्छ दुग्ध उत्पादन कैसे करे

स्वच्छ दुधारू पशु से साफ स्थान पर साफ बर्तन में स्वच्छ व्यक्ति द्वारा निकाला गया दूध स्वच्छ दूध कहलाता है। 

ध्यान रखने योग्य बाते:

  • डेयरी फार्म की साफ-सफाई 
  • पशुओ की साफ-सफाई
  • साफ पानी की समुचित व्यवस्था
  • संपर्क में आनेवाले व्यक्ति की साफ-सफाई
  • फार्म पर प्रयुक्त बर्तनो की साफ-सफाई 
  • पशुओ के लिए स्वच्छ एवं पौष्टिक पशु आहार 
  • उचित समय पर दूध दोहन 
  • उचित विधि द्वारा दूध दोहन 

दूध दोहन की उत्तम विधि का प्रयोग करे :

  • पशुओ के थनो की जाँच एवं सफाई 
  • अंगूठे से ज्यादा दबाकर दूध ना निकाले
  • दूध दोहन पूर्ण हस्त विधि द्वारा करे 
  • छोटे थन वाले पशुओ के लिए चुटकी विधि का प्रयोग करे 
  • दूध दोहन दिन में २ या ३ बार नियमित रूप से करे 

दूध उत्पादन हेतु मुख्य बाते :

  • दुधारू पशु के स्वास्थ्य की निरंतर जाँच करनी चाहिए 
  • पहले स्वस्थ्य पशुओ को दुहना चाहिए 
  • पशुओ की पीठ और जंघाओं को ब्रश से साफ कर धोना चाहिए
  • दूध दोहन से पहले आँचल को एंटीसेप्टिक से साफ कर कपडे से पोछना चाहिए 
  • दूध दोहने वाले व्यक्ति को साफ कपडे पहेनने चाहिए और बालो को टोपी से ढकना चाहिए
  • दूध दोहने वाले व्यक्ति के नाख़ून कटे हुए होने चाहिए और दोहन से पहले हाथो को एंटीसेप्टिक से धोना चाहिए 
  • बीमार या गन्दी आदत वाला व्यक्ति (जगह जगह पर थूकने वाले और नाक छिड़कने वाले) से दूध दोहन का कार्य नहीं करवाना चाहिए 
  • समय समय पर थनैला रोग जाँच हेतु दूध परिक्षण करे 
  • हर बार दूध दोहन के बर्तनो को पहले गुनगुने पानी से और उसके बाद उपयुक्त साबुन के घोल में धोना चाहिए फिर साफ पानी से धोना चाहिए 
  • दूध को केन में डालने से पहले छानना चाहिए 
  • थनो से दूध इस प्रकार से निकाले के उनको हानि न पहोचे

दूध का भण्डारण :

दूध को लम्बे समय तक सुरक्षित और आसान और प्रचलित तरीका है की उसे ठंडा रखे। दूध ठन्डे एवं छायादार स्थान पर दोहना चाहिए। दूध को सदैव ढककर रखना चाहिए। दूध का तापक्रम ना बढे उसका ध्यान रखना चाहिए और दूध को दूप से दूर रखना चाहिए। गर्मियों में केन या बर्तन जिसमे दूध रक्खा या लाया जाता हो उसे बहार से पानी छिड़ककर गीले कपडे से ढकना चाहिए। 

स्वच्छ दूध उत्पादन के लाभ :

  • सम्पूर्ण प्राकृतिक गुणों से भरपूर पौष्टिक दूध की प्राप्ति 
  • उत्पादक की अच्छे दूध उत्पादक के रूप में पहेचान
  • उपभोक्ता के स्वास्थ्य की रक्षा 
  • दूध के भण्डारण के समय और आय में वृद्धि 
  • स्वच्छ दूध से उत्तम गुणवत्ता वाले पदार्थो का निर्माण व् अधिक मूल्य 


स्वच्छ दूध की ज्यादा जानकारी के लिए निचे का वीडियो आप देख सकते हो। 






तो आज ही हमारी सफलता पूर्वक डेरी व्यवसाय के उपाय इ-बुक ख़रीदे 
किसानो और सफल गौपालकों के अनुभवों के आधार पे दिया गया एकदम सचोट ज्ञान

इ-बुक PDF  स्वरुप में 
सिर्फ 555 /- के मूल्य में 

पुस्तक खरीदने के लिए नीचे दिए गए लिंक पे क्लिक करे 



Comments

Popular posts from this blog

Why A2 Ghee is very costly ? / देसी गौमाता का घी इतना महँगा क्यों होता है ?

वर्मीकम्पोस्ट

ज्यादातर देसी गौमाता के डेरी फार्म क्यों सफल नहीं होते है ?